अशिश चतकवर
@chatkawa.4544
आद्रनिय प्रदिप भाई,मै आपसे दश्हरे के सामय आपके निवास पर मिल था वशे २०१३ मे. एक दिन रुका था. मै कोशिश कर रहा हु कि स्वदेशी बन जौउउ और साभि बनए. मै ८५% स्वदेशी बन गया हु तब से आज तक कोइए रोग नाह
सदस्यता Feb, 2014 भारत
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