विराथू पैदा नही होते हालात उन्हें विराथू बनाता है..
म्यांमार में जब रोहंगिया मुसलमानों ने अपनी सभी सीमा लांघ दी तब जाकर अपने धर्म की रक्षा के खातिर एक बौद्ध संत को 'विराथू' बनना पड़ा, और नतीजा ये हुआ कि म्यांमार रोहंगिया मुक्त और खुशहाल हो गया..
भारत में भी अब अति हो रही है