सम्पूर्ण संसार को सुखी देखने की चाहत ही सनातन धर्म है और जो इसका पालन करता है वो सनातनी है। जो सबों को समान दृष्टि से देखता है, जो सबों पर दया का भाव रखता है, जो पूरे विश्व को बंधुत्व की नजर से देखता है, जो हर जीव की पीड़ा को महसूस करता है, जो पशु से भी प्रेम करता हो,जो वृक्ष में भी परमात्मा के स्वरूप को देखता है, जो इन बातों को अपने हृदय में धारण किये हुए है वो सनातनी है।