हाँ मैं ब्राह्मण हूँ
कमजोर इतना हूँ कि सबको माफ कर देता हूँ
लालची इतना हूँ कि चन्द्रगुप्त को राजा बना देता हूँ
डरपोक हूँ, इसलिए तो पृथ्वी को इक्कीस बार अत्याचारियों से मुक्त करता हूं
अनुपयोगी भी हूँ, तभी हड्डियो से वज्र बनवाता हूँ
अनपढ हूँ, तभी व्याकरण और गणित को खोज कर लाता हूँ