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@shach.5b2b5

ॐ नमः शिवाय

पद्मावदात-मणिकुण्डल-गोवृषाय कृष्णागरु-प्रचुर-चंदन-चर्चिताय
भस्मानुषक्त-विकचोत्पल मल्लिकाय नीलाब्जकण्ठसदृशाय नम: शिवाय ।।

अर्थ:----

स्वच्छ पद्मराग मणि के कुण्डल द्वारा किरणों के वृष्टिकारक,अगर-तगर मिश्रित चंदन से लिप्त शरीर वाले, भस्म,विकसित कमल तथा जूही के पुष्पों से सुशोभित,नील-कमल सदृश,नीलकण्ठधारी ऐसे शिवजी को मेरा नमस्कार है।

शुभ प्रभात🙏🙏

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