. *ॐ नमः शिवाय*
*न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायुः*
*न वा सप्तधातु: न वा पञ्चकोशः|*
*न वाक्पाणिपादौ न च उपस्थ पायु*
*चिदानंदरूप: शिवोहम शिवोहम||*
न मैं मुख्य प्राण हूँ और न ही मैं पञ्च प्राणों (प्राण, उदान, अपान, व्यान, समान) में कोई हूँ, न मैं सप्त धातुओं (त्वचा, मांस, मेद, रक्त, पेशी, अस्थि, मज्जा) में कोई हूँ और न पञ्च कोशों (अन्नमय, मनोमय, प्राणमय, विज्ञानमय, आनंदमय) में से कोई, न मैं वाणी, हाथ, पैर हूँ और न मैं जननेंद्रिय या गुदा हूँ, मैं चैतन्य रूप हूँ, आनंद हूँ, शिव हूँ, शिव हूँ
*सुप्रभात*