. *ॐ नमो नारायणाय*
*ॐ प्र तद्विष्णु स्तवते वीर्येण मृगो ने भीमः कुचरो गिरिष्ठाः । यस्योरुषु त्रिषु विक्रमणेष्व- धिक्षियन्ति भुवनानि विश्वा॥*
अर्थात:
भयंकर सिंह के समान पर्वतों में विचरण करनेवाले सर्वव्यापी देव विष्णु ! आप अतुलित पराक्रम के कारण स्तुति-योग्य हैं । सर्वव्यापक विष्णुदेव के तीनों स्थानों में सम्पूर्ण प्राणी निवास करते हैं॥
*माँ चंद्रघण्टा की कृपा हम सबों पर बनी रहे, जय माता की*
*सुप्रभात*